तेरी आँखों में अपना चेहरा
मैं हरपल देखना चाहती हूँ
तेरे लबों से अपना नाम
मैं हज़ारों बार सुनना चाहती हूँ
तेरे ख़्वाबों में हरपल रहना
और तेरे ही ख़्वाब मैं देखना चाहती हूँ
तुझे बनाकर अपनी तक़दीर
मैं तेरी क़िस्मत बनना चाहती हूँ
तुझे अपने रोम रोम में
मैं बसाना चाहती हूँ
तेरे स्पर्ष से ख़ुद को
मैं संवारना चाहती हूँ
तेरी दिल की धड़कन
बन मैं धड़कना चाहती हूँ
बस तेरे लिए जीना और
तेरी ही चाहत में तड़पना चाहती हूँ...
मैं हरपल देखना चाहती हूँ
तेरे लबों से अपना नाम
मैं हज़ारों बार सुनना चाहती हूँ
तेरे ख़्वाबों में हरपल रहना
और तेरे ही ख़्वाब मैं देखना चाहती हूँ
तुझे बनाकर अपनी तक़दीर
मैं तेरी क़िस्मत बनना चाहती हूँ
तुझे अपने रोम रोम में
मैं बसाना चाहती हूँ
तेरे स्पर्ष से ख़ुद को
मैं संवारना चाहती हूँ
तेरी दिल की धड़कन
बन मैं धड़कना चाहती हूँ
बस तेरे लिए जीना और
तेरी ही चाहत में तड़पना चाहती हूँ...
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