Dastaan Ye Dil Ki

Tuesday, January 24, 2017

आ तेरी लक़ीरों में, लिख दूँ अपना नाम...

आ तेरी लक़ीरों में
लिख दूँ अपना नाम
प्यार दूँ तुझे इतना
कम लगे सुभो शाम

ना हों ज़माने की कोई
बंदिशें हमारे दरमियां 
आ जी लें हम हर लम्हा
एकदूजे में कई सदियाँ

बस निगाहों से हो बातें
और गुनगुनाए खामोशियाँ
मिल जाए रूह से रूह
दूरियों का ना हो नामो निशाँ

लिपटे रहें एकदूजे में ऐसे
जैसे भूल जाएँ सारा जहां
हो जाए मुक़्क़म्मल इश्क़
या हो जाए बस यूँ ही फ़ना...