Dastaan Ye Dil Ki

Tuesday, February 23, 2016

दिल काँच का टुकड़ा है...

दिल काँच का टुकड़ा है 
छनक के टूट गया 
अँखियों के झरोखों से 
हर ख़्वाब ही रूठ गया..
अश्क़ आँखों के जो सूखे ना होते 
तो हम आज भी रो लेते 
कारी रतियों में गर दर्द चीखा न करते 
तो दो पल हम भी सो लेते..
ज़िन्दगी फूलों से सजाने क्या चले 
काँटों से ज़ख्म गहरा लग गया 
खुशियों ने एक-एक कर मुँह मोड़ा 
और गम.. ये गम ठहरा रह गया..
गर आँधी पतझड़ की चली ना होती 
हम भी बहार बन मुस्कुरा लेते 
और जो दामन अपनों ने छोड़ा ना होता 
हम भी रंगों से ज़िन्दगी सजा लेते..
दिल काँच का टुकड़ा है 
छनक के टूट गया 
अँखियों के झरोखों से 
हर ख़्वाब ही रूठ गया...

Wednesday, February 10, 2016

वफ़ा चीज़ क्या है, तू क्या जाने ऐ-बेवफ़ा..

वफ़ा चीज़ क्या है
तू क्या जाने ऐ-बेवफ़ा
हम तो तेरी मुहौब्बत को
ख़्वाबों में भी निभा लेते हैं

तेरे इश्क़ की बंदगी ही
काफी है मेरे सनम
कितनी भी सदियाँ बीत जायें
ये दिल सिर्फ तुझे ही पुकारेगा

जान कैसे लेती है बेक़रारी
तू क्या जाने ऐ-बेदर्द
हम तो तेरी चाहत में
हर रोज़ मर के भी जी लेते हैं

तेरे इश्क़ की तड़प ही
काफी है ऐ-जानम
कितने भी टुकड़ों में टूट जाऊँ
क़तरा-क़तरा मेरा तेरा ही सजदा करेगा...

Wednesday, February 3, 2016

कहाँ ढूंढ़ रहा है तू मुझे???

तुझसे मेरे दिल की हर धड़कन
बातें हज़ार किया करती है
भुला के ये सुबहो-शाम
तेरे साथ दिन-रात जिया करती है

हाथों में तेरा हाथ लिए
तेरे ही ख़्वाब बुना करती है
बज उठते हैं दिल के तार-तार
जब धुन तेरे प्रीत की बजा करती है

तू गीत है मेरा साजन
और मैं ही तेरी साज़ हूँ
तू गा के तो देख ज़रा
मैं ही तेरी आवाज़ हूँ

महसूस तो कर के देख मुझे
मैं तेरी हर धड़कन तेरी हर साँस हूँ
कहाँ ढूंढ़ रहा है तू मुझे
मैं तो तेरे ही पास हूँ...