वफ़ा चीज़ क्या है
तू क्या जाने ऐ-बेवफ़ा
हम तो तेरी मुहौब्बत को
ख़्वाबों में भी निभा लेते हैं
तेरे इश्क़ की बंदगी ही
काफी है मेरे सनम
कितनी भी सदियाँ बीत जायें
ये दिल सिर्फ तुझे ही पुकारेगा
जान कैसे लेती है बेक़रारी
तू क्या जाने ऐ-बेदर्द
हम तो तेरी चाहत में
हर रोज़ मर के भी जी लेते हैं
तेरे इश्क़ की तड़प ही
काफी है ऐ-जानम
कितने भी टुकड़ों में टूट जाऊँ
क़तरा-क़तरा मेरा तेरा ही सजदा करेगा...
तू क्या जाने ऐ-बेवफ़ा
हम तो तेरी मुहौब्बत को
ख़्वाबों में भी निभा लेते हैं
तेरे इश्क़ की बंदगी ही
काफी है मेरे सनम
कितनी भी सदियाँ बीत जायें
ये दिल सिर्फ तुझे ही पुकारेगा
जान कैसे लेती है बेक़रारी
तू क्या जाने ऐ-बेदर्द
हम तो तेरी चाहत में
हर रोज़ मर के भी जी लेते हैं
तेरे इश्क़ की तड़प ही
काफी है ऐ-जानम
कितने भी टुकड़ों में टूट जाऊँ
क़तरा-क़तरा मेरा तेरा ही सजदा करेगा...
specchless
ReplyDelete