Friday, July 31, 2015
Thursday, July 30, 2015
Wednesday, July 29, 2015
Tuesday, July 28, 2015
मेरे लबों को तेरे...
मेरे लबों को तेरे अधरों की प्यास है
हर सांस को बस तेरी ही आस है..
तेरी बाँहों के दायरे में सिमट जाने की चाह है
और तेरे स्पर्श से भीग जाने की ख्वाहिश है..
आ मुझे समेट ले बाँहों में इस तरह
की रोम रोम से बस तेरी ही तेरी खुश्बू आए..
आ करीब इतने की बस तू ही तू हो
मैं तुझमें खो जाऊँ और तू मुझमें समा जाए..
हर सांस को बस तेरी ही आस है..
तेरी बाँहों के दायरे में सिमट जाने की चाह है
और तेरे स्पर्श से भीग जाने की ख्वाहिश है..
आ मुझे समेट ले बाँहों में इस तरह
की रोम रोम से बस तेरी ही तेरी खुश्बू आए..
आ करीब इतने की बस तू ही तू हो
मैं तुझमें खो जाऊँ और तू मुझमें समा जाए..
Monday, July 27, 2015
Friday, July 24, 2015
Thursday, July 23, 2015
कभी मंज़िल खो गयी...
कभी मंज़िल खो गयी कभी रास्ते बदल गए
कभी नज़र से दूर कभी अजनबी हो गए
थाम के चलते थे जिन्हें वो हाथ जाने कैसे छूट गए
दिल टूटा कुछ ऐसे कि हम ज़ार ज़ार बिखर गए
अब दर्द की आह नहीं बस यादों की चुभन बाकि है
और इन साँसों को अपनी रूह से एक आखिरी मिलन बाकि है
कभी नज़र से दूर कभी अजनबी हो गए
थाम के चलते थे जिन्हें वो हाथ जाने कैसे छूट गए
दिल टूटा कुछ ऐसे कि हम ज़ार ज़ार बिखर गए
अब दर्द की आह नहीं बस यादों की चुभन बाकि है
और इन साँसों को अपनी रूह से एक आखिरी मिलन बाकि है
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