Dastaan Ye Dil Ki

Tuesday, July 28, 2015

मेरे लबों को तेरे...

मेरे लबों को तेरे अधरों की प्यास है
हर सांस को बस तेरी ही आस है..  
तेरी बाँहों के दायरे में सिमट जाने की चाह है
और तेरे स्पर्श से भीग जाने की ख्वाहिश है..
आ मुझे समेट ले बाँहों में इस तरह
की रोम रोम से बस तेरी ही तेरी खुश्बू आए..
आ करीब इतने की बस तू ही तू हो
मैं तुझमें खो जाऊँ और तू मुझमें समा जाए..

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