Dastaan Ye Dil Ki

Saturday, September 5, 2015

हाँ इश्क़ है ये...

नींद आती नहीं
चैन आता नहीं
बिन देखे तुझे
ये दिल करार पाता नहीं
रात होती नहीं
सुबह का पता नहीं
हाँ इश्क़ है ये
किसी की ख़ता नहीं
बिना दर्द दिए
इस ज़ालिम को मज़ा आता नहीं
जो लग जाए ये रोग
तो फिर कभी जाता नहीं
जान जाए तो जाए
नशा इसका कोई उतार पाता नहीं
हाँ इश्क़ है ये
इसके जैसा कोई दूसरा नशा नहीं...

Friday, September 4, 2015

एक नया अफ़साना बना दें...

तेरी धड़कनों में अपना नाम
सुन के चहकने लगी हूँ
तेरी साँसों में अपनी खुशबु
महसूस करके बहकने लगी हूँ

तेरे छुअन के एहसास से
मेरे अंग अंग में सिहरन सी उठी है
दिल में हर लम्हा अब तो
तेरे साथ की अगन सी उठी है

भुला के सारी दुनिया को
चल एक नया आशियाना बना लें
आ हम अपनी मुहौब्बत का
एक नया अफ़साना बना दें




Thursday, September 3, 2015

खोलूँ जो इन आँखों को...

 खोलूँ जो इन आँखों को
नज़रें बस तुझे ही ढूँढती  है
जो कह दे तो बंद कर लूँ इन्हें
पर फिर भी ख़्वाब तो तेरे ही बुनती हैं

दिल ढूँढता बस अब तो
हरघड़ी तेरे कदमों की आहट है
कि तू ही है अब तो जीने की वज़ह
और तू ही इन लबों की मुस्कुराहट है

तेरी मुहौब्बत तो जैसे अब
पूजा है मेरी और ईबादत है मेरी
कि तेरे इश्क़ में जीना ही बस
अब तो जैसे आदत है मेरी...

Wednesday, September 2, 2015

पल-पल चुभती ये तनहाई है..

बिखरी हुई इस चाँदनी ने
तेरी चाहत की शबनम बरसाई है
समा जा अब मुझमें कि
बस अब तो तेरी ही ख़ुमारी छाई है

तेरे प्यार के एहसास ने
मेरे रोम-रोम में आग लगाई है
अरमान मचल-मचल रहे हैं
और पल-पल चुभती ये तनहाई है...

Tuesday, September 1, 2015

आ करीब मेरे...

आ करीब मेरे कि हर साँस
बस अब तुझे बुला रही है
धड़कनें भी मेरी अब तो
बस तेरा नाम पुकार रही हैं

आँखों की नमी और होठों की हँसी
बस तेरे दीदार को तरस रही है
हर लम्हा चुभती ये जुदाई
बस अब तेरे एहसास को तड़प रही है...