Dastaan Ye Dil Ki
Dastaan Ye Dil Ki
Wednesday, September 2, 2015
पल-पल चुभती ये तनहाई है..
बिखरी हुई इस चाँदनी ने
तेरी चाहत की शबनम बरसाई है
समा जा अब मुझमें कि
बस अब तो तेरी ही ख़ुमारी छाई है
तेरे प्यार के एहसास ने
मेरे रोम-रोम में आग लगाई है
अरमान मचल-मचल रहे हैं
और पल-पल चुभती ये तनहाई है...
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