क्यों दिल सिर्फ तेरा
इंतज़ार करता है
क्यों हर आहट मुझे तेरे
आने का एहसास दिलाती है
क्यों धड़कन सिर्फ तेरे
नाम पर धड़कती है
क्यों नज़र सिर्फ और सिर्फ
तेरे दरस को तरसती है...
इंतज़ार करता है
क्यों हर आहट मुझे तेरे
आने का एहसास दिलाती है
क्यों धड़कन सिर्फ तेरे
नाम पर धड़कती है
क्यों नज़र सिर्फ और सिर्फ
तेरे दरस को तरसती है...
इन सवालों का कोई तो
मुझे बस जवाब दिला दे
गर सिर्फ ख़्वाब नहीं
हकीक़त भी होती है मुहौब्बत
तो अंजाम-ए-मुहौब्बत से ज़रा कोई तो
मुझे बस जवाब दिला दे
गर सिर्फ ख़्वाब नहीं
हकीक़त भी होती है मुहौब्बत
तो अंजाम-ए-मुहौब्बत से ज़रा कोई तो
मुझे भी रूबरू करा दे...
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