Dastaan Ye Dil Ki

Friday, December 4, 2015

कोई साथ नहीं निभाता है...

सच है जब बुरा वक़्त आता है
कोई साथ नहीं निभाता है
अपनी लड़ाई तो आप ही लड़नी पड़ती है
साथी की बेवफाई और रुस्वाई सहनी पड़ती है
हँसी के पलों में हम जिनका
हाथ थाम इठलाया करते थे हम
भुला के सारी दुनिया को
जिनकी बाहों में सिमट जाया करते थे हम
आज तनहा खड़े उन्हीं राहों में
दूर तक उन्हें ढूँढा करते हैं हम
बेदर्द बन मुँह फेरे  बैठे हैं वो
थम के हाथ जिनका दर्द बांटा करते थे हम
हँसे की रोयें ये भी पता नहीं
गम  ही गम है ख़ुशी का आता-पता नहीं
अब बस यही सच है जीवन का
इससे बड़ा कोई सत्य वचन नहीं
कि जब बुरा वक़्त आता है
कोई साथ नहीं निभाता है...

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