मैं एक कतरा भी नहीं, और तिनका भी नहीं
मैं एक साया भी नहीं, और हकीकत भी नहीं
मैं तेरी किस्मत भी नहीं,और तेरे हाथों की रेखा भी नहीं..
मैं तुझे तकलीफ देती हूँ, और अश्क देती हूँ
मैं तुझे ज़ख्म देती हूँ, और बहुत दर्द देती हूँ
मैं तेरी भी नहीं हूँ, और खुद की भी नहीं
मैं एक साया भी नहीं, और हकीकत भी नहीं
मैं तेरी किस्मत भी नहीं,और तेरे हाथों की रेखा भी नहीं..
मैं तुझे तकलीफ देती हूँ, और अश्क देती हूँ
मैं तुझे ज़ख्म देती हूँ, और बहुत दर्द देती हूँ
मैं तेरी भी नहीं हूँ, और खुद की भी नहीं
मैं तुझमें से खुद को मिटा देना चाहती हूँ
और तुझे तेरी मुस्कुराहट लौटा देना चाहती हूँ..
तू भूल जाए मुझे दुआ करती हूँ
और भुला सके मेरी गलतियों को यह इल्तज़ा करती हूँ
और तुझे तेरी मुस्कुराहट लौटा देना चाहती हूँ..
तू भूल जाए मुझे दुआ करती हूँ
और भुला सके मेरी गलतियों को यह इल्तज़ा करती हूँ
गर फिर भी याद आ जाऊँ कभी मन उदास ना करना
तेरी मुस्कराहट एहसान होगी, मुझपर यह एहसान ज़रूर करना...
तेरी मुस्कराहट एहसान होगी, मुझपर यह एहसान ज़रूर करना...
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