Dastaan Ye Dil Ki

Sunday, August 30, 2015

धड़कनें धड़कना भूल ना जाएँ कहीं...

आ भर ले अपनी बाहों में
कि तेरे बिना अब जी ना सकूँगी
इस दर्द-ए-जुदाई का ज़हर
अब मैं और पी ना सकूँगी

तू इस कदर मुझमें समाया है
कि अब साँस भी तेरे बिना ले ना सकूँगी
दिल मेरा हरपल तड़प रहा है तेरे लिए
आजा कि साँसें थम ना जाएँ कहीं
ये धड़कनें भी धड़कना भूल ना जाएँ कहीं...

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