Dastaan Ye Dil Ki

Monday, August 31, 2015

अँधेरों ने ही साथ नहीं छोड़ा है...

सवाल बस अब इतना है
कि ऐतबार करूँ तो किसका
मौत मुझे आती नहीं
और ज़िंदगी साथ निभाती नहीं
आँसुओं से दामन हरपल भीगा है
मुस्कुराहटों ने जाने मुँह क्यों मोड़ा है
तनहाइयों से रिश्ता बड़ा गहरा है
सबने छोड़ा बस अँधेरों ने ही साथ नहीं छोड़ा है...

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